बहराइच: कारिकोट गांव ICRT अवार्ड 2025 के लिए चयनित

बहराइच: कारिकोट गांव ICRT अवार्ड 2025 के लिए चयनित

PPN NEWS

बहराइच जिले के कारिकोट गांव को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय सम्मान

लखनऊ: 18 अगस्त, 2025


उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का कारिकोट गांव ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बना चुका है। गांव का चयन इंडियन सबकांटिनेंटल रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म (आईसीआरटी) अवार्ड 2025 के लिए किया गया है। कारिकोट गांव को यह सम्मान 13 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। यह जानकारी उप्र0 के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। 


पर्यटन मंत्री ने बताया कि कारिकोट गांव का चयन आईसीआरटी अवार्ड 2025 के लिए होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। भारत-नेपाल सीमा से सटे कारिकोट ने ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में मिसाल पेश की है। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग की पहल पर ग्रामीणों ने होमस्टे की शुरुआत की। साथ ही सीमा पर्यटन जैसे अभिनव पहल भी किए गए। इन प्रयासों से स्थानीय समुदायों, विशेषकर युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिला है। गांव की संस्कृति, खान-पान, हस्तशिल्प और लोक कलाओं को भी नई पहचान मिली है।


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 13 सितंबर को आयोजित होने वाले बीएलटीएम ट्रेड शो में भारत सहित उपमहाद्वीप की 17 संस्थाओं को रिस्पोंसिबल टूरिज्म सम्मान दिया जाएगा। इन संस्थाओं को वन टू वॉच, सिल्वर और गोल्ड श्रेणी में मान्यता दी जाएगी। मान्यता सूची में स्थान पाने वाली सभी संस्थाओं ने प्रमाणिकता, पुनरावृत्ति की क्षमता, नवाचार, प्रभाव, स्थिरता और जिम्मेदार पर्यटन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है।


भारतीय उपमहाद्वीप जिम्मेदार पर्यटन पुरस्कारों के निर्णायक मंडल में प्रो0 हैरॉल्ड गुडविन शामिल हैं। गुडविन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पार्टनरशिप के प्रबंध निदेशक और आईसीआरटी ग्लोबल के संस्थापक हैं। साथ ही, मनीषा पांडे, प्रबंध निदेशक विलेज वेज़ और आईसीआरटी भारतीय उपमहाद्वीप की प्रतिनिधि तथा चार्मारी मेल्ज, निदेशक आईसीआरटी श्रीलंका सहित अन्य निर्णायक मंडल का हिस्सा रहे। 


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ग्रामीण पर्यटन को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। विभाग का लक्ष्य है कि राज्य को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में भी नई पहचान दिलाई जाए। राज्य सरकार का मानना है कि गांव केवल कृषि और परंपराओं के केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और सामाजिक समरसता के प्रतीक भी हैं। ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से इन विशेषताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की योजना है।


पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कारिकोट उत्तर प्रदेश के अन्य गांवों के लिए ग्रामीण पर्यटन में प्रेरणास्त्रोत बनेगा। नेपाल की सीमा से सटे और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के करीब स्थित कारिकोट गांव ने सामुदायिक नेतृत्व के जरिए पर्यटन को नई दिशा दी है। थारू समुदाय सहित समाज के अन्य लोगों की भागीदारी क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। विश्वास है कि यह उपलब्धि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन के समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगी।


प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि राज्य में ग्रामीण पर्यटन को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 सहित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रूरल टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कारिकोट गांव को मिला सम्मान विभागीय प्रयासों और ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में सफलता का परिणाम है।

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