पर्यटन विभाग की बड़ी पहल, प्रतापगढ़ के मंदिरों और धामों का होगा कायाकल्प
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- Updated: 5 September, 2025 14:22
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PPN NEWS
रिपोर्ट, अभि ठाकुर
- 8 करोड़ की लागत से मंदिरों, धामों और बौद्ध स्थलों का पर्यटन विकास
लखनऊ/प्रतापगढ़, 05 सितम्बर 2025
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने प्रतापगढ़ जनपद की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के समग्र विकास के लिए ऐतिहासिक पहल की है। लगभग ₹8 करोड़ की लागत से स्वीकृत इन योजनाओं के अंतर्गत जिले के प्रमुख मंदिरों, धामों और बौद्ध स्थलों का कायाकल्प किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं से लैस स्वच्छ, सुरक्षित और आकर्षक वातावरण उपलब्ध कराया जाए, साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का विस्तार हो। इन परियोजनाओं से प्रतापगढ़ की आस्था से जुड़ी धरोहरों को नया स्वरूप मिलेगा और यह जनपद धार्मिक-पर्यटन के राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा। इस पहल से न केवल पर्यटन को गति मिलेगी बल्कि सांस्कृतिक विरासत भी संरक्षित रहेगी, जिससे प्रतापगढ़ प्रदेश की पर्यटन आय में अहम योगदान देने वाला केंद्र बन सकेगा।
प्रमुख पर्यटन विकास कार्य
पर्यटन विभाग द्वारा प्रतापगढ़ में जिन प्रमुख कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है, उनमें नगर पालिका बेल्हा, रंजितपुर चिलबिला स्थित सुगता नन्द बौद्ध बिहार, वार्ड संख्या-8 जगापुर स्थित राम जानकी मंदिर, ग्राम सभा बुआपुर (रूपपुर) वि०ख० मान्धाता स्थित बौद्ध बिहार, वि०ख० सांगीपुर स्थित बाबा घुईसरनाथ धाम, ग्राम सर्वजीत ब्लाक व तहसील पट्टी स्थित माँ दुर्गा मंदिर, ग्राम पंचायत नौबस्ता (वि०ख० कुण्डा) स्थित नरसिंह धाम मंदिर (गंगा तट), ग्राम पंचायत शाहपुर (वि०ख० कुण्डा) स्थित बाबा अवधेश्वरनाथ धाम मंदिर (गंगा तट) तथा नगर पंचायत मानिकपुर स्थित मां ज्वाला देवी धाम सिद्धपीठ का पर्यटन विकास कार्य शामिल है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखते हुए उन्हें आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए। प्रतापगढ़ में 8 करोड़ की लागत से शुरू होने वाले ये कार्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए नई सुविधा और आकर्षण लेकर आएंगे। गंगा तट के धामों से लेकर प्राचीन बौद्ध विहारों और मंदिरों तक, हर स्थल को इस तरह विकसित किया जाएगा कि आस्था, परंपरा और आधुनिकता का संगम दिखाई दे। इन परियोजनाओं से न केवल पर्यटन को नई गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।”
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि, “प्रतापगढ़ में पर्यटन विकास की यह परियोजनाएँ प्रदेश सरकार की उस नीति का हिस्सा हैं, जिसके तहत धार्मिक स्थलों के कायाकल्प के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है। पर्यटन विभाग का प्रयास है कि प्रत्येक तीर्थ और सांस्कृतिक स्थल पर आगंतुकों को स्वच्छ, सुरक्षित और आधुनिक वातावरण मिले। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर प्रतापगढ़ धार्मिक-पर्यटन मानचित्र पर एक सशक्त पहचान स्थापित करेगा और प्रदेश की पर्यटन आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।”
इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर प्रतापगढ़ न केवल प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक-पर्यटन के मानचित्र पर अपनी नई पहचान बनाएगा। इससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण मिलेगा तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
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